
top 10 agriculture university in india: कृषि विश्वविद्यालय (agriculture university) यानी
कृषि विधाओं का ज्ञान देने वाले ऐसे संस्थान जहां भविष्य के विद्यार्थियों
को नई तकनीक और जानकारी के साथ साथ किसानों को भी उनके जरूरत के हिसाब से चीजें
बताई जाती हैं,
जिससे कि वो इसका प्रयोग करके अपनी खेती से लाभ कमा सकें। ये कृषि विश्वविद्यालय भारत के किसानों को एक बेहतर भविष्य देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं।
कृषि विश्वविद्यालय (agriculture university) और
अन्य संस्थान इस क्षेत्र को और अधिक सक्षम और आत्मनिर्भर बनाने का काम करते है और
रोजगार के अवसर विकसित करते है जिससे कि किसानों को काफी लाभ होता है।
तो आइए इस
ब्लॉग में भारत के प्रमुख 10 कृषि
विश्वविद्यालय (top 10 agriculture university in india) के बारे में जानें।
इस विश्वविद्यालय की
स्थापना 12 जून 1964
को आंध्र प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के नाम से हुई थी। ओ पुल्ला
रेड्डी इसके पहले वाइस चांसलर थे। इसका उद्घाटन 20 मार्च 1965
को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के द्वारा
किया गया था।
आपको बता दें, 7 नवंबर 1996
को इसका नाम बदलकर एनजी रंगा कृषि विश्वविद्यालय कर दिया गया।
आचार्य एनजी रंगा कृषि विश्वविद्यालय की विशेषता
इस विश्वविद्यालय के
अन्तर्गत 11 कॉलेज आते हैं। जिनमें कृषि से इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी, कृषि
संकाय, गृह विज्ञान और एडवांस पोस्ट ग्रेजुएट सेंटर प्रमुख
है। जिसके माध्यम से विद्यार्थी स्नातक, डॉक्टर, स्नातकोत्तर आदि से जुड़े कोर्स कर सकते है।
यहां हर महीने
विश्वविद्यालय की अपनी मासिक पत्रिका भी निकालती है, जिसमें कृषि संबंधित सभी नई
जानकारियां होती हैं। आम किसान भी इसको पढ़ सके और लाभ उठा सके।
असम कृषि विश्वविद्यालय
की स्थापना 1969
में जोरहाट असम में हुई ,असम कृषि
विश्वविद्यालय बहुत से कैंपस से मिलकर बना है और इसके मुख्यालय जोरहाट में है।
इस विश्वविद्यालय में 11 कॉलेज
और 10 रिसर्च स्टेशन है यह विश्व की इकलौता संस्थान है जो
विद्यार्थियों को चार साल कृषि से डिप्लोमा की सुविधा देता है और चाय के उत्पादन में दक्षता देने के साथ साथ तकनीकी ज्ञान को भी बढ़ावा
देता है।
असम कृषि विश्वविद्यालय की विशेषता
असम कृषि विश्वविद्यालय
कृषि संकाय विद्यार्थियों को बीएससी, एमएससी और पीएचडी के कोर्स उपलब्ध
कराता है। गृह संकाय अपने सभी संकायों में बीएससी,
एमएससी वाले पाध्यक्रम और फूड एंड न्यूट्रीशन में पीएचडी वाले
पाठ्यक्रम उपलब्ध है।
भारतीय कृषि अनुसंधान
संस्थान की स्थापना 1950 में दिल्ली में हुई
थी। आपको बता दें, इसे पूसा संस्थान के नाम से भी जाना जाता
है, 1958 में आईएआरआई ने एक ख्याति प्राप्त विश्वविद्यालय की
स्थिति प्राप्त की और तब से लेकर आजतक ये संस्थान लगातार किसानों और विद्यार्थियों
के उन्नति के लिए काम कर रहा है।
वर्तमान समय में संस्थान 20 डिवीजन,
3 अखिल भारतीय अनुसंधान परियोजनाएं, 5 बहू -
अनुशनात्मक केंद्र, 2 ऑफ सीजन नर्सरी, 8 क्षेत्रीय स्टेशन और 10 राष्ट्रीय केंद्र है।
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की विशेषता
विश्वविद्यालय में कृषि,पर्यावरण
विज्ञान, जैव रसायन, जैव सूचना विज्ञान, बागवानी, कंप्यूटर अनुप्रयोग, खाद्य
विज्ञान, संयंत्र रोग विज्ञान, मृदा
विज्ञान आदि में पाठ्यक्रम की सुविधा है।
नेशनल डेयरी रिसर्च
इंस्टीट्यूट की स्थापना सन् 1923 में करनाल हरियाणा में हुई थी, शीर्ष डेयरी शोध संस्थानों में से एक (एनडीआरआई ) डेयरी के क्षेत्र में
उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करती है।
आपको बता दें, एनडीआरआई
में डेयरी के क्षेत्र में नए नए खोज करने के साथ शोध कार्य करता है,और पशु जानवरों के प्रजनन और दूध के उत्पादन को बढ़ावा देता है।
नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट की विशेषता
विश्वविद्यालय छात्रों को
पीएचडी और डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रदान करता है और साथ में अन्य राज्यों के छात्रों
के लिए छात्रावास की भी सुविधा उपलब्ध करता है।
पंजाब राज्य अपने लहलहाते
फसलों और खाने पीने के शौक के लिए जाना जाता है। ऐसे में वहां खेती के लिए उन्नत
तकनीकों आदि का प्रयोग होता रहता है। इसी प्रयोग को धार देने के लिए 1962 में
स्थापित इस विश्वविद्यालय को देश का तीसरा सबसे पुराना कृषि संस्थान होने का गौरव
प्राप्त है।
आपको बता दें, संस्थान
में प्रयोगशालाओं, व्याख्यान कक्षों और कृषि सुविधाओं को
अच्छी तरह संसाधन युक्त रखा गया है।
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की विशेषता
छात्रों को रहने के लिए
छात्रावास की सुविधा है। भारत में हरित क्रांति के समय इस विश्वविद्यालय ने अहम
भूमिका अदा की थी और देश को आत्मनिर्भर बनाने में योगदान दिया था। सन 2005 में
इसका विभाजन करके गुरु अंगद देव पशु चिकित्सालय निर्मित किया गया है।
जीबी पंत विश्वविद्यालय
कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उत्तराखंड के पंतनगर शहर में स्थित है। जीबी
पंत विश्वविद्यालय कृषि मूल विज्ञान, कृषि व्यवसाय प्रबंधन, पशु चिकित्सा विज्ञान, मत्स्य विज्ञान और गृह विज्ञान
जैसे विभिन्न विषयों में अंडर ग्रेजुएट के साथ पीजी कार्यक्रम भी प्रदान करता है,जीबी संस्थान एक प्रतिष्ठित संस्थान है जिसमें छात्रों के रहने की भी
उत्तम व्यवस्था की गई है।
जीबी पंत विश्वविद्यालय कृषि और प्रौद्योगिकी विशेषताएं
1960 में
स्थापित विश्वविद्यालय में 763 प्रोफेसर और अधिकारियों,
59 तकनीकी कर्मचारी, 631 प्रशासनिक कर्मचारी
और 1425 अन्य कर्मचारियों सहित कुल 2878 सदस्य हैं और अपने व्यवस्थित प्रोग्राम और निर्धारित कार्यक्रम से ये
निरंतर देश को नए नए प्रोफेशनल दे रहा है।
गुजरात के जूनागढ़ स्थित
यह संस्थान भारत के टॉप 10 विश्वविद्यालयों में आता है और लगातार अपनी
गुड़वत्ता बनाए हुए है। जूनागढ़ संस्थान में चार संकाय है जिनमें कृषि , प्रोद्योगिकी कॉलेज, कृषि कॉलेज, मत्स्य कॉलेज स्नातकोत्तर कृषि व्यवसाय प्रबंधन संस्थान सम्मिलित है और
परिसर की शोभा बढ़ाते है।
जूनागढ़ कृषि विश्वविद्यालय की विशेषताएं
जूनागढ़ कृषि
विश्वविद्यालय में कृषि संबंधित नई नई तकनीकों और प्रयोग किए जाते हैं।
विद्यार्थियों को सर्वगुण संपन्न करने के उद्देश्य से अन्य पाठ्यक्रमों को भी
सम्मिलित किया गया है और शिक्षा दे रहे है, मत्स्यपालन,
स्नातक, परास्नातक, डॉक्टर
और स्नातकोत्तर के पाठ्यक्रम पढ़ाए जाते हैं।
1889 में
इंपीरियल बैक्ट्रियोलोजिकल लेबोरेटरी के नाम से इसकी स्थापना हुई थी, उसके कुछ समय बाद इसका नाम बदल कर भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान कर दिया
गया।
भारत में उत्तर प्रदेश के
बरेली इज्जतनगर में स्थित यह संस्थान भारत में पशुचिकित्सा के क्षेत्र में अग्रणी
है और अपना प्रमुख स्थान बनाए हुए है। 275 से अधिक वैज्ञानिक मुख्य रूप से
शोध के कार्यों में सम्मिलित है।
भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान की विशेषताएं
इस संस्थान को मानद
विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त है। यहां 20 से अधिक विषयों में स्नातकोत्तर
एवं पीएचडी के पाठ्यक्रम पढ़ाए जा रहे है।
अन्य विषयों जैसे
पशुचिकित्सा ,
रोग प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि, अनुपालन,
जैविक उत्पाद, पशुधन उत्पाद, मत्स्य चिकित्सा, मांस और मांस के उत्पादन पर भी
अध्ययन कराया जाता है। विश्वविद्यालय में 157 शोध संस्थान और
44 योजनाएं चल रही हैं।
पश्चिम भारत के गुजरात
राज्य में बड़ोदरा और अहमदाबाद शहरों के बीच स्थित यह संस्थान आनंद कृषि
विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है।
आपको बता दें कि यह
संस्थान पहले गुजरात कृषि विश्वविद्यालय का एक अहम हिस्सा था जिसे 1972 में
सम्मिलित किया गया था, जो बाद में अलग होकर स्वतंत्र रूप से
कार्य कर रहा है।
इसमें मुख्य रूप से तीन
कॉलेज है जिनमें कृषि , पशुधन और डेयरी आदि पाठ्यक्रम पढ़ाए जाते है और
विद्यार्थियों के साथ सामंजस्य बैठा कर नित नए शोध कार्य किए जा रहे हैं।
आनंद कृषि विश्वविद्यालय की विशेषताएं
विश्वविद्यालय कृषि, हॉर्टिकल्चर,
इंजिनियरिंग, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और
बिज़नेस स्टडीज को तवज्जो देता है क्यूंकि आज के इस दौर में किसान भले ही खूब अन्न
पैदा कर ले लेकिन जबतक उसे बाजार में बेचने की कला नहीं आएगी वो मुनाफा नहीं कमा
पाएगा, इसलिए संस्थान टेक्नोलॉजी पर विशेष ध्यान देता है।
इंदिरा गांधी कृषि
विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ के रायपुर में स्थित है,संस्थान विभिन्न विषयों पर
पाठ्यक्रम उपलब्ध कराता है जिसमें से कृषि के ऊपर विशेष ध्यान दिया जाता है,कैंपस में राधेलाल हरदेव रिछारिया के नाम से स्थापित इस अनुसंधान में कृषि
संबंधित प्रमुख सुविधाएं मुहैया कराई गई है।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की विशेषताएं
- टिश्यू
कल्चर द्वारा गन्ना,
केला, चिरौजी एवं कालमेघ का संवर्धन।
- ऐंथर
कल्चर द्वारा धान का संवर्धन।
- बी.
टी. ट्रांसजेनिक तकनीक द्वारा धान में तना छेदक प्रतिरोधक
क्षमता विकास संबंधी कार्य।
- धान
मक्का एवम् अन्य फसलों की संकर किस्मों की डीएन मार्कर आधारित जांच की
सुविधा।
- बीज
की आनुवंशिक शुद्धता का डीएन मार्कर आधारित परीक्षण आदि की सुविधा देता है।
ये थे भारत के 10 प्रमुख
विश्वविद्यालय (Top 10 agriculture university in India) जो विद्यार्थियों को नई तकनीक, उच्च
ज्ञान और सुविधा देते है ताकि वो आगे चलकर खेती की दशा और दिशा दोनों बदल सकें।
यदि आप कृषि में रूचि या
खेती-किसानी करते हैं तो इन विश्वविद्यालयों से कृषि प्रशिक्षण और कृषि संबंधित
जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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