
डेयरी फार्मिंग (Dairy farming) कृषि क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण अंग है। हमारे देश विश्व में दुग्ध उत्पादन में नंबर वन है। लेकिन प्रति व्यक्ति उत्पादकता की बात करें तो बहुत पीछे हैं। इसका मुख्य कारण है हमारे देश दुग्ध उत्पादन की तकनीक का परंपरागत होना।
अधिकांश पशुपालकों का सवाल होता है कि डेयरी फार्म कैसे शुरू करें? (how to start a dairy farm in hindi) तो आपको बता दें, दु्ग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए हमें नए-नए तकनीकों का अपना होगा, जिससे दुग्ध उत्पादन हम और अधिक इजाफा कर सकें।
डेयरी फार्म में हमें कई पहलु पर ध्यान देना होता है। इसमें पशुओं के लिए आवास व्यवस्था बहुत ही महत्वपूर्ण है।
तो आइए 'द रूरल इंडिया' के इस लेख में जानते हैं, डेयरी फार्मिंग के लिए पशुओं की आवास प्रबंधन कैसे करें?
1. सही स्थान चुनें
डेयरी फार्म खोलने के लिए ऐसी जगह चुनें, जो किसी शहर या कस्बे के करीब हो। इससे आपको दो फायदे मिलेंगे। पहला, आपको बड़ी संख्या में कस्टमर मिलेंगे। दूसरा, गांवों की तुलना में बेहतर दाम मिलेंगे।
2. डेयरी फार्म ऊंची रखें
डेयरी फार्म बनाते वक्त ऊंचाई का विशेष ध्यान दें। पशुओं को रखने के लिए आप जो बिल्डिंग या जगह तैयार करेंगे, वह आस-पास के एरिया के मुकाबले ऊंची होनी चाहिए। इसके कई फायदे मिलेंगे। पहला, बारिश के मौसम में पानी के जमाव की समस्या नहीं होगी। दूसरा, पशुओं के अपशिष्ट पदार्थ सीधे नालियों में बह जाएंगे। तीसरा, साफ-सफाई करने में परेशानी नहीं होगी।
3. सूरज की रोशनी का ध्यान रखें
पशुओं के लिए ऐसे आवास का निर्माण करें, जहां सूर्य की रोशनी अच्छी तरह से पड़ती हो। इसके लिए आपको सही दिशा का चुनाव भी करना होगा। फार्म की चौड़ाई वाला हिस्सा उत्तर-दक्षिण की तरफ हो और लंबाई वाला हिस्सा पूरब-पश्चिम की तरफ होना सही रहेगा। इससे ये फायदा भी होगा कि पशुओं के आवास में नमी नहीं रहेगी, प्लेटफॉर्म सूखे रहेंगे और नाली से बदबू भी नहीं आएगी।
4. हवा और धूप का आवागमन अच्छा हो
आवास निर्माण के दौरान वेंटिलेशन का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। पशुओं का आवास पूरी तरह से बंद नहीं होना चाहिए वर्ना उनके लिए रहना मुश्किल होगा और उन्हें ऑक्सीजन भी सही मात्रा में नहीं मिल पाएगी।
5. कनेक्टिविटी
डेयरी बिज़नेस में कनेक्टिविटी एक अहम पहलू है। इसलिए ऐसी जगह पर डेयरी फार्म बनाएं, जो सड़क से ज़्यादा दूर न हो। साथ ही वहां ट्रांसपोर्ट के पूरे साधन भी मौजूद होने चाहिए। सड़क से 100 से 200 मीटर की दूरी सही रहेगी। जानकारों का मानना है कि पशुओं का आवास सड़क से एकदम सटा हुआ भी नहीं होना चाहिए, क्योंकि कभी-कभी पशु गाड़ियों की आवाज़ और हॉर्न से भी विचलित हो जाते हैं। इसलिए एक निश्चित दूरी ज़रूरी है।
6. बिजली और पानी की व्यवस्था
ये डेयरी फार्मिंग की सबसे बड़ी आवश्यकताओं में से एक है। पशुओं के सही रख-रखाव के लिए बिजली बहुत ज़रूरी है। बिजली से रात में रोशनी की व्यवस्था हो सकेगी और गर्मियों के मौसम में पशुओं के लिए पंखे या कूलर आदि भी चलाए जा सकेंगे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पशु हम इंसानों के मुकाबले बहुत ज़्यादा पानी पीते हैं। इसलिए उनके पीने के लिए पानी हर पल मौजूद होना चाहिए। इसके अलावा आवास की साफ-सफाई के लिए भी पानी की ज़रूरत होगी।
7. आहार की व्यवस्था
दुधारू पशुओं के आहार का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। इसलिए ऐसे स्थान का चयन करें, जहां हरा चारा उपलब्ध हो। इसके अलावा दाना-पानी और भूसे आदि की पर्याप्त व्यवस्था भी होनी चाहिए। ज़रूरत पड़ने पर पशुओं को सप्लीमेंट्स भी देने पड़ते हैं, ताकि उनमें पोषक तत्वों की कमी न रहे।
8. मार्केट और लेबर
ये दोनों ही चीज़ें इस बिज़नेस के महत्वपूर्ण पहलू हैं। डेयरी फार्मिंग से आप दूध, पनीर और खोया जैसे उत्पाद प्राप्त कर सकेंगे। लेकिन, यदि वो मार्केट तक सही तरीके से नहीं पहुंच पाएंगे, तो नुकसान होने की आशंका बढ़ जाएगी। इसलिए आवास ऐसी जगह हो, जहां से आप अपने उत्पादों की मार्केटिंग कर सकें और उन्हें समय पर बाज़ार तक पहुंचा सकें। वहीं, फार्म और पशुओं की देख-रेख के लिए, दूध निकालने के लिए, साफ-सफाई के लिए आपको लेबर की ज़रूरत पड़ेगी। लिहाज़ा, इस पहलू को भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
9. स्टोरेज की व्यवस्था हो
पशुओं के आवास स्थल पर स्टोरेज स्पेस की भी ज़रूरत पड़ती है। इस तरह आप पशुओं का चारा, भूसा, दाना तथा दूध निकालने वाले बर्तन आदि स्टोर कर पाते हैं। इसके अलावा यदि इस व्यवसाय से जुड़ा कोई और सामान भी हो, तो उसे भी रखने की जगह मिल जाती है।
10. वातावरण उपयुक्त हो
डेयरी फार्मिंग के लिए अच्छे वातावरण का होना एक अनिवार्य आवश्यकता है। पशु जितनी साफ-सुथरी जगह में रहेंगे, उनके लिए उतना ही अच्छा रहेगा। प्रदूषित वातावरण पशुओं को बीमार कर सकता है। साथ ही इससे उत्पादकता भी प्रभावित हो सकती है। इसलिए एक अच्छे व सुरक्षित वातावरण का चुनाव ज़रूरी है।

डेयरी फार्मिंग के लिए आवास व्यवस्था पर एक नज़र
आप पशुओं को रखने के लिए तीन तरह के आवास के बारे में सोच सकते हैं।
बंद आवास
इस तरह के आवास में पशुओं को बांध कर रखा जाता है। साथ ही उनके दाने-पानी की व्यवस्था भी वहीं कर दी जाती है। इसके अलावा पशुओं का दूध भी उसी स्थान पर ही निकाला जाता है। वहीं, पशुओं को चरने के लिए बहुत कम समय के लिए छोड़ा जाता है।
फायदे-
पशुओं को खिलाना-पिलाना आसान होता है।
वे एक-दूसरे पर लद नहीं पाते।
गंदगी भी सीमित जगह तक रहती है।
नुकसान-
पशु पूरी तरह से आज़ाद नहीं रह पाते।
आवास निर्माण थोड़ा खर्चीला होता है।
पशुओं की संख्या बढ़ने पर मुश्किलें आती हैं।
खुला आवास
इसके तहत एक निश्चित घेरे में बाड़ बनाई जाती है और पशुओं को खुला छोड़ दिया जाता है। उस बाड़े में ही पशुओं के खाने-पीने की व्यवस्था कर दी जाती है।
फायदे-
पशु अधिक सहजता के साथ रह पाते हैं।
उन्हें प्राकृतिक वातावरण का अनुभव हो पाता है।
आवास निर्माण में खर्चा कम आता है।
नुकसान-
पशुओं के आवास के लिए अधिक स्थान की आवश्यकता होती है।
उन्हें अलग-अलग दाना-पानी देने में थोड़ी मुश्किलें आती हैं।
बेकाबू पशुओं को संभालना मुश्किल हो जाता है।
अर्ध खुला आवास
इसके तहत पशुओं को एक निश्चित समय के लिए ही बांधकर रखा जाता है। उन्हें खिलाने और दूध निकालने के दौरान बांधा जाता है और बाकी समय उन्हें खुला रहने दिया जाता है।
फायदे-
पशु अधिक उन्मुक्तता के साथ रह पाते हैं।
वे ज़्यादा आक्रामक व्यवहार नहीं करते हैं।
नुकसान-
कभी-कभी बेकाबू पशुओं को संभालना मुश्किल हो जाता है।
पशुपालन में ध्यान देने योग्य बातें
आवास तीन हिस्सों में बंटा होना चाहिए।
एक जगह पर पशुओं को रखा जाना चाहिए, दूसरे स्थान पर दूध निकाला जाना चाहिए और तीसरा स्थान दाना-पानी, भूसा और दूध निकालने के बर्तन आदि रखने के लिए निर्धारित होना चाहिए।
बीमार पशुओं को अलग स्थान पर रखना चाहिए।
आवास स्थल का तापमान 25-27 डिग्री के मध्य होना चाहिए।
पशुओं में पर्याप्त दूरी होनी चाहिए।
नांद या चरनी पशुओं से उचित दूरी पर होनी चाहिए।
आवास की ऊंचाई का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।
पशुओं के आवास की रोज़ाना साफ-सफाई होनी चाहिए।
यदि कोई डेयरी फार्म खोलना चाहता है, तो कुछ ज़रूरी बातों को ध्यान में रखकर इस बिज़नेस में सफलता हासिल कर सकता है। इस बिज़नेस में लोकेशन एक महत्वपूर्ण फैक्टर है।
इसके अलावा पशुओं के आवास की बनावट और उनका सही रख-रखाव भी बहुत मायने रखता है। डेयरी फार्म खोलने में सरकार भी पूरी मदद करती है। नेशनल लाइवस्टॉक मिशन और नाबार्ड के डेयरी डेवलपमेंट स्कीम के तहत आप सरकारी सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
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